तोहफ़े
तोहफ़े
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१-
प्रेम का रंग उतर जाता है
और शर्ट अपनी सजीवता पर हँसते हुए
टंगी रह जाती है अलगनी पर
मन कहता है 'प्रेम की उम्र अधिक होती है'
आँखें कहती हैं 'तोहफ़े की'।
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२-
रात के दूसरे पहर
जब घर में कोई नहीं होता
सिवाय घने सन्नाटे के
तब गैलरी की तरफ से
वॉल हैंगिंग के खनकने की आवाज़ रिसते हुए
कानों में जमती रहती है
और मुझे लगता है
तुम अपनी अनुपस्थिति में भी निभा रही हो
मुझे अँधेरे से दूर रखने का कोई वादा।
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३-
पिछली दफ़ा घर छोड़ते हुए
तुम्हारा गुदगुदा टैडी बियर
सौंप आया था चार साल की बच्ची को
उसके नन्हें हाथों में
वो आज भी महफूज़ है
और तुम्हारा प्रेम
झूल गया है
मेरे समय की हथेलियों पर
अनावश्यक चमड़ी की तरह।
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४-
मुरझाया हुआ गुलाब
रखा है किताब के बीच
किसी उपशीर्षक की तरह
गुलाब ने हजारों बार बचाया देवत्व
पर एक भी बार
नहीं बचा पाया हमारा प्रेम।
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५-
मिट्टी का सुनहरा ईश्वर
कई बार टूटने के बाद भी
बचा रहा
हम मिट्टी के लोग
एक दूसरे से बचते हुए भी
टूटते रहे कई-कई बार।
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६-
कलाई पर वक्त बाँधने के बाद
हम सुइयों की तरह मिले
आखिरी बार मिलते हुए
हमें लगा
प्रेम करना और घड़ियाँ देना
वक्त न दे पाने की
भरपाई मात्र है।
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७-
तोहफ़े प्रेम के रास्ते पर
साइन बोर्ड की तरह हुए
मुसाफिरों के गुज़रने के बाद भी
वे देखते रहे
उनकी गर्दन के पीछे का
ठहरा हुआ चुम्बन।
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